हर व्यक्ति की अंतरात्मा में भावनाएं उत्पन्न होती हैं । उन भावनाओं को व्यक्त करने के लिए वो शब्दों की सहायता लेते हैं और फिर बनती है कहानियाँ और कविताएँ । समाज में घटने वाली घटनाओं से और मेरे साथ घटित हुई घटनाओं से प्रेरित होकर मैंने अपनी भावनाओं को काव्य रूप में प्रदर्शित किया है और कुछ रचनाओं को पाठकों के सामने प्रस्तुत करने का भरसक प्रयास किया है । अपनी किताब को प्रकाशित करना हर कवि का स्वप्न होता है । अतः वही स्वप्न मैं अपनी किताब “आरंभ” के द्वारा पूर्ण कर रही हूँ । इस काव्य संग्रह से मैंने समाज में होने वाली घटनाओं को “आरंभ” काव्य पुस्तक के माध्यम से प्रदर्शित करने का पूर्ण प्रयत्न किया है । आशा है मेरे पाठकों को इन कविताओं के माध्यम से सामाजिक सत्यता की अनुभूति होगी । हर लेखक और कवि की पुस्तक उनकी संतान के समान होती है । जैसे एक माँ अपनी संतति को लाड़-प्यार से सँवारने के लिए पूर्ण प्रेम देती है उसी प्रकार मैंने अपनी इस प्रथम पुस्तक ” आरंभ ” को पूर्ण भावों एंव प्रेम की कलम से सँवारा है, मैं आशा करती हूँ कि मेरे प्रिय पाठकजन उतना ही प्रेम मेरी इस पुस्तक आरंभ को देंगे । इस काव्य संग्रह को मैं किसी एक व्यक्ति को समर्पित नहीं कर सकती क्योंकि मेरे लेखन कार्य के इस सफ़र में मेरा साथ देने वाले मेरे मित्र, गुरुवर, परिवार, मेरी पुत्रियों का अत्यधिक सहयोग और प्रोत्साहन रहा है । इन सभी लोगों का मैं हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ । इन सभी के प्रोत्साहन और सहयोग से मेरी पुस्तक “आरंभ” काव्य संग्रह मेरे प्रिय पाठकों के लिए उपलब्ध हो पा रही है ।
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