Sakshy se srijan ki or

159.00

Category:

आगरा के एक जौहरी चंद्र गोपाल मेहरा के ( माई थान निवासी ) घर में मेरा जन्म 1941 में हुआ था । माता राजरानी मेहरा और पिता दोनों ही संभ्रांत परिवार से थे । माता कटरा नील दिल्ली से थी । मां एक सुयोग्य गृहिणी और पिता कुशल व्यापारी (सुयोग्य गुणी ) थे । मैं बचपन से प्राइमरी स्कूल तक उसके बाद नगर पालिका स्कूल में पढ़ी । बीच में कुछ कारणों से पढ़ाई रुक गई । उसके बाद आगरा की गुड़ मंडी में स्थित श्री विद्या धर्म वर्धिनी संस्कृत विद्यालय में मैंने मध्यमा से लेकर शास्त्री और आचार्य प्रथम वर्ष की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की । नागरी प्रचारिणी सभा इलाहाबाद में दर्शनशास्त्र से लेकर विशारद की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की । 1968 में मेरा विवाह दिल्ली में वायु सेना में सेवारत एक सुंदर सुशील और चरित्रवान पुरुष से हुआ । बचपन से ही मुझे लिखने पढ़ने का बहुत शौक था । अतः विवाह उपरांत श्री लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ संस्कृत विद्यालय शक्ति नगर से ( वाराणसी से ही ) शिक्षा शास्त्र द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण किया । इसी बीच मैंने गर्ल्स गाइड और फर्स्ट एड की भी शिक्षा एक योग्य विद्यार्थी के रूप में पास की । बचपन से ही नाटकों में भाग लेना, शारीरिक व्यायाम, खेलना कूदना, कुछ लिखते, रहना पढ़ते रहना हर काम में मेरी रुचि रही है । उन बिखरे मोतियों को माला में पिरो कर आज मैं पाठकों के सामने प्रस्तुत कर रही हूँ । आशा है आपको मेरे मन के सुंदर भाव आत्म विभोर कर देंगे । मेरा जीवन संघर्ष पूर्ण होकर भी सुखद रहा । सत्यनारायण के रूप में पति को पाकर में धन्य हुई । और 1970 में सुलक्षणा ( चीना ) के रूप में हमारे आंगन में एक कली ने प्रवेश किया । जिसे हमने अपने आँचल में समेट लिया है और आज उसने हमें अपने आंचल की छाँव से ढँक दिया है ।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Sakshy se srijan ki or”

Your email address will not be published. Required fields are marked *